मुनीर अहमद मोमिन 
मुंबई। राज्य की लगभग सारी राजनैतिक पार्टियों में अंदरखाने से लेकर बाहर खाने तक जबरदस्त खींचतान मची हुई है। शिवसेना में शिंदे V/S ठाकरे जहां अपने चरम पर है। वहीं कांग्रेसी अपने अध्यक्ष पटोले की नानागिरी के खिलाफ मुहिम छेड़कर उन्हें मामा बनाने पर तुले  हुए हैं। इसी बीच मनसे से 7 पदाधिकारियों के निष्कासन के बाद मनसे से एक मुश्त 50 कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देकर पार्टी के इंजन का धुआं निकालना शुरू कर दिया है। इसी बीच एनसीपी में भी अभी से मुख्यमंत्री पद को लेकर जूते में दाल बंटनी शुरू हो गई है। यानी राज्य के सभी राजनीतिक दलों के अंदर-बाहर चारों तरफ घमासान ही घमासान मचा हुआ है। जिसमें फिलहाल सबसे अधिक बखेड़ा कांग्रेस के भीतर चल रहा है। 
         भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो शिवसेना के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी आपसी खींचतान की खबरें सामने आ रही हैं। क्योंकि महाराष्ट्र कांग्रेस में अब प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को पद से हटाने की मांग पकड़ती जा रही है। कांग्रेस के 24 नेताओं ने नाना पटोले को पद से हटाकर उनकी जगह शिवाजीराव मोघे को नया अध्यक्ष बनाने की मांग की है। कांग्रेसी नेताओं द्वारा पार्टी पर्यवेक्षक रमेश चेन्निथला से मांग की गई है कि अगला प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी समुदाय से होना चाहिए। क्योंकि नाना पटोले पर आरोप लगाया गया है कि नाना पटोले की पार्टी में मनमानी चलते दलित, मुस्लिम और आदिवासी जो कांग्रेस के मुख्य वोट बैंक हैं, वे पार्टी से अलग हो गए हैं। शिवाजीराव मोघे के समर्थकों ने दावा किया है कि कांग्रेस में भी केवल नानागिरी ही चल रही है। विदर्भ के 24 नेताओं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि नाना पटोले पार्टी की बैठक में किसी की नहीं सुनते। जिसके चलते रमेश चेन्निथला से पटोले को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और आदिवासी नेता शिवाजीराव मोघे को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की गई है। ऐसे में अब सबकी निगाह इस बात पर टिकी है कि रमेश चेन्नीथला इस बारे में क्या फैसला लेंगे।  
           बता दें कि नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल काफी गरमा गया था। नामांकन मिलने के बावजूद आवेदन नहीं भरने पर सुधीर तांबे को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। सत्यजीत तांबे को पार्टी ने मनोनीत नहीं किया तो उन्होंने स्वतंत्र अर्जी दाखिल कर एक तरह से बगावत कर दी। इसी बात से चर्चा शुरू हुई कि नाना पटोले और बालासाहेब थोरात में मतभेद है। चर्चा यह भी थी कि बालासाहेब थोरात नाराज थे। कांग्रेस कमेटी के सचिव रहमान खान नायडू, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य प्रकाश मुगड़िया, सरदार महेंद्र सिंह सलूजा, इकराम हुसैन समेत 21 अन्य पदाधिकारियों ने मुंबई में रमेश चेन्निथला से जहां मुलाकात कर नाना पटोले को हटाने की मांग की। वहीं ये सभी नेता रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन में आलाकमान से भी मुलाकात करेंगे।  
           इसी तरह मनसे ने पुणे में कसबा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देने की घोषणा की है। लेकिन कुछ मनसे कार्यकर्ता कसबा के कांग्रेस प्रत्याशी रवींद्र धंगेकर के प्रचार में शामिल हो गए थे। लिहाजा मनसे नगर अध्यक्ष ने पत्र जारी कर 7 लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उसके तुरंत बाद इसके प्रतिक्रिया स्वरूप 50 लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि मनसे ने कसबा में महाविकास अघाड़ी को बढ़ावा देने के आरोप में रवींद्र खेडेकर, सागर पंगारे, गोपी घोरपड़े, अनिल चंदंगे, रिजवान बागवान, प्रकाश धामधेरे और नीलेश निकम को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से निष्कासित कर दिया था। उसके बाद जानकारी सामने आई है कि मनसे के एकमुश्त 50 कार्यकर्ताओं ने पार्टी की सदस्यता और पदों से अपना इस्तीफा नगर अध्यक्ष साईनाथ बाबर को भेज दिया है। मनसे के इस रुख से बीजेपी को बड़ा झटका लगने की संभावना है।    

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