

मुंबई। विधायक दल को चोर कहने के मामले में उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत की मुश्किलें बढ़ती दिखने लगी हैं। राउत ने विधायक मंडल को राऊत ने चोर मंडल बताया था। जिसे लेकर विधानमंडल के बजट सत्र में जबरदस्त हंगामा हुआ। राउत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों ने विधानसभा और विधान परिषद के दोनों सदनों में खूब जमकर हंगामा किया। इतना ही सत्ता पक्ष ने सदन के बाहर भी जमकर बवाल काटा। सबसे दिलचस्प बात तो यह है कि कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों ने भी सार्वजनिक तौर पर राउत के उक्त बयान की निंदा की थी।
बता दें कि भाजपा-शिवसेना के विधायकों ने अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष राउत के खिलाफ अधिकारों के हनन का मामला लाने की मांग की थी। जिसके मुताबिक़ विधानमंडल अधिकारों के उल्लंघन समिति की स्थापना की गई है। अधिकार उलंघन प्रस्ताव दाखिल करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 15 विधायकों को विशेषाधिकार समिति का सदस्य नियुक्त किया है। इस कमेटी का मुखिया बीजेपी विधायक राहुल कुल को बनाया गया है। जिसमें बीजेपी-शिवसेना सहित कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों का तो समावेश है। लेकिन ठाकरे गुट का एक भी विधायक इस कमेटी का सदस्य नहीं है। बताया जाता है कि राउत को विधानमंडल के अधिकारों के उल्लंघन समिति द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। निश्चित तौर पर यह कमेटी अब राउत के भविष्य का फैसला करेगी।