मुनीर अहमद मोमिन भिवंडी। आज गुरूवार को चन्द्र दर्शन के बाद मुस्लिम समुदाय का एक महीने तक चलने वाला इबादतों का रमजान माह आज से शुरू हो गया। इस्लाम में रमज़ान को सबसे पवित्र महीना माना गया है। यही वह महीना है, जिसके बारे में माना जाता है कि इस्लाम की सबसे पवित्र किताब ‘कुरान पाक’ नाजि़ल हुई (उतरी)। इतना ही नहीं, मान्यता है कि अल्लाह पाक ने सारी पवित्र किताबें रमज़ान के महीने में ही उतारीं। पैगंबर हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम का ‘सहीफा’ इसी महीने की 3 तारीख को उतारा गया। हजरत दाऊद को ‘जुबूर’ (कुरान जैसी किताब) 18 या 21 को मिली और हजरत मूसा को ‘तौरेत’ 6 तारीख को प्राप्त हुई और हजरत ईसा अलैहिस्सलाम को ‘इंजील’ रमजान की 12 या 13 तारीख को मिली। चंद्र दर्शन के हिसाब से शुरू होने वाले इस्लामिक हिजरी का नौवां महीना रमजान कल शुक्रवार 24 मार्च 2023 से शुरू हो जाएगा। चांद के हिसाब से गिने जाने वाले इस्लामिक कैलेंडर में 29 या 30 दिन का ही महीना होता है। इस हिसाब से हर साल करीब 10 दिन कम होकर रमजान का महीना शुरू होता है और हर साल 10 दिन का फर्क पड़ता है। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक सन् 2 हिजरी में अल्लाह के हुक्म से मुसलमानों पर रोजे फर्ज (अनिवार्य) किए गए। इसी महीने में शब-ए-कदर में अल्लाह ने कुरान जैसी नेमत दी। तब से मुस्लिम समुदाय के लोग इस महीने में रोजे रखते आ रहे हैं। मालूम हो कि रमजान के दौरान रखा जाने वाला रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। इस पूरे महीने में मुस्लिम संप्रदाय से जुड़े लोग अल्लाह की इबादत करते हैं। इस महीने में वे खुदा को खुश करने और उनकी कृपा दृष्टि पाने के लिए नमाज़, रोजा के साथ, कुरान का पाठ और दान-धर्म करते हैं। रमजान के दिनों में लोग तड़के उठकर सहरी करते हैं। सहरी खाने का वक्त सूरज निकलने से करीब डेढ़ घंटे पहले तक का होता है। सहरी खाने के बाद रोजा शुरू हो जाता है। उसके बाद रोजेदार पूरे दिन कुछ भी खा-पी नहीं सकता। इस पूरे महीने किसी भी पाप कर्म की सख्त मनाही है। फिर शाम को तय वक्त पर इफ्तार कर रोजा खोला जाता है। तत्पश्चात रात की इशा की नमाज के बाद तरावीह की नमाज अदा की जाती है। इस दौरान मस्जिदों में कुरान भी पढ़ा जाता है। ये सिलसिला पूरे महीने चलता है। महीने के अंत में 29 या 30 का चांद होने पर ईद मनाई जाती है। रीडर संख्या 236 Post navigation महाराष्ट्र एचएससी एक्ज़ाम बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर: 12वीं की परीक्षा देने वाले राज्य के लाखों छात्रों के लिए बड़ी राहत, अंग्रेजी का पेपर देने वाले छात्रों को 6 नंबर दिए जाएंगे एक्स्ट्रा तीन काल खंडों में होते हैं रमज़ान के रोजे: दूसरों के ग़म बांटने वाले इस महीने में सत्कर्म, नेकी और भलाई की महत्ता को शिद्दत से महसूस करते हैं रोजेदार